Wednesday, September 3, 2008

चाँद कहता है मुझे, और दाग मेरे सेह नही सकता
चाहता है भुलाना मुझे और जुदा रेह नही सकता


दिल इतना बुलंद नही की छुपा लूँ राज़'ऐ मोहब्बत
और है बात इतनी नाज़ुक की हम केह नही सकता

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