आओ जिन्दगी से एक सौदा करें
फिर कुछ खवाब रौन्दा करें
ख़ाली कोख है एहसास की
एक गम ही चलो पैदा करें
मौत की शक्ल है शराब सी
कैसे से लब'ऐ जिन्दगी से जुदा करें
हम मुफलिसी में जिया करें
हम मुफलिसी में मारा करें
अब तो बता दे ए जिन्दगी
हम किसका हक अदा करे .........
दिव्य हिमाचल टीवी | सतपाल ख़याल | नई ग़ज़ल
6 months ago
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