दलील’ऐ जींदगी है ज़ुम्बीश ’ऐ जीगर
इसबात’ऐ उमीद है मुन्ताजीर नज़र
इश्तीहर’ऐ मार्ग मजीं निजात’ऐ गम से
कब के मर जाते सच होती ये तश्हीर अगर
माजीं = देकोरातेद
तश्हीर= मिसिंफोर्मेशन
फीगार अक्ल और यह उलझन ’ऐ हयात
तो अफ्सुर्दः आरजू का है मिटना ही बेहतर
अफ्सुर्दः=लिफेलेस; फिगार’ऐ अक्ल= कांफुसेद
देखता एहल’ऐ जहाँ ज़ोर’ऐ वफ़ा मेरी
सवाल’ऐ घैरत’ऐ यार ना होता अगर
ये हसरत’ऐ आशीकी हम भी पुरी करते
वजूद’ऐ अजम का बवाल ना होता पर
वजूद’ऐ अजम= डिसीजन ऑफ़ लाइफ
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